पहाड़ों की रानी मसूरी (देहरादून)
हिमालय पर्वत श्रृंखला में बसा यह शहर भारत के सबसे प्राचीनतम शहरों में से एक है। नवंबर 2000 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के दो हिस्से होने के तत्पश्चात नवनिर्मित बने उत्तराखंड राज्य की इसे राजधानी होने का भी गौरव प्राप्त हुआ । देहरादून पर्यटन की दृष्टि से भी भारत के उन चुनिंदा पर्यटन स्थलों में शुमार हैं, जो कि दिल्ली के सबसे समीप स्थित है। जिसकी वजह से सप्ताह के अंत में देहरादून व उसके आसपास पर्यटन क्षेत्रों में काफी पर्यटकों का इजाफा देखने को मिलता है। देहरादून में पर्यटन के अलावा बहुत से राष्ट्रीय संस्थान ओएनजीसी, भारत सर्वेक्षण वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय पेट्रोलियम जैसे प्रमुख संस्थान है।
देहरादून के कुछ मुख्य पर्यटन स्थल
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रॉबर्स केव - यह गुफा प्राकृतिक पहाड़ के चट्टानों से निर्मित एक गुफा है। जिसके अंदर से एक मुख्य पानी की धारा बाहर की तरफ प्रवाहित होती है। इसका सर्वप्रथम प्रयोग डाकू अपने आपको छुपाने और यहां से जाने के लिए क्या करते थे। कालांतर में यह स्थान देहरादून का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां जाने के लिए मात्र ₹30 के एंट्री टिकट के बाद इसके अंदर जाया जा सकता है। गुफा में पानी लगभग घुटनों तक भरे होने के कारण सलाह दी जाती है की चप्पल पहनकर इसके अंदर प्रवेश करना चाहिए।
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फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट - यह इंस्टिट्यूट अपने आप में ही बेहद खास है यहां जाने के लिए केवल ₹10 के एंट्री टिकट की आवश्यकता होती है। यह इंस्टिट्यूट अनुसंधान से संबंधित तो है ही लेकिन यह एक मुख्य पर्यटन केंद्र भी है। यहां बहुत से फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है। जिसके बाद से यह स्थान और चर्चा का केंद्र बन गया।
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टपकेश्वर महादेव मंदिर - यह मंदिर देहरादून के बीच में स्थित है। यह मंदिर एक प्रकार से चट्टानों के भीतर बना मंदिर है। जिससे बूंदें टपक कर गिरती रहती है और भगवान शिव का जलाभिषेक करती रहती है। जिसकी वजह से इस मंदिर का नाम टपकेश्वर महादेव मंदिर रखा गया। यहां मंदिर के साथ होते हुए एक छोटी सी जलधारा बहती है। यहां जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई एंट्री टिकट नहीं है।
- देहरादून जू - देहरादून का चिड़ियाघर पर्यटक के आकर्षण का केंद्र रहता है ज्यादातर छोटे बच्चे यहां आना अत्यधिक पसंद करते हैं। साल भर में लगभग 7 लाख पर्यटकों के साथ अच्छी खासी भीड़ चिड़ियाघर में देखने को मिलती है। यहां विभिन्न प्रकार के जानवर व पशु पक्षी मौजूद है। जिनमें पहाड़ों में पाए जाने वाले पशु पक्षी विशेष रूप से शामिल है। यहां जाने के लिए ₹20 का एंट्री टिकट लगता है जो कि बच्चों के लिए महज ₹10 ही है।
मसूरी उत्तराखंड के देहरादून से 35 किलोमीटर दूर स्थित हिलस्टेशन जिसे पहाड़ों की रानी के नाम से भी जाना जाता है। लोग यहां अपने छुट्टियां एंजॉय करने के लिए बार-बार आते हैं। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 6600 फीट ऊपर है। गर्मियों के समय यहां का मौसम बहुत ही सुहावना बना रहता है जिसकी वजह से दिल्ली व उसके आसपास के लोगों की सबसे पसंदीदा जगह में मसूरी शुमार है।
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मसूरी मॉल रोड – मसूरी का मॉल रोड मसूरी के मध्य में स्थित है। यहां से मसूरी के पहाड़ों का बहुत सुंदर दृश्य दिखाई पड़ता है। शाम के समय यहां विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की दुकानें सज जाती है। जिसका लुत्फ यहां आने वाले पर्यटक अक्सर उठाते हैं। इसके अलावा माल रोड पर बहुत सी दुकान स्थित है; जहां से पहाड़ी वस्तुएं साड़ियां व अन्य जरूरत का सामान खरीदा जा सकता है। शहर के मध्य में होने की वजह से यहां अक्सर ट्रैफिक लगा रहता है।
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कैंप्टी वाटरफॉल - यह वाटरफॉल मसूरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है यह माल रोड से लगभग 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जाने के लिए लगभग 300 से 400 सीढ़ियां उतरकर नीचे जाना पड़ता है जिसके बाद झरना दिखाई पड़ता है। इस वाटरफॉल के नीचे एक जलाशय भी है, जहां स्नान किया जा सकता है। इसके अलावा यहां पर खाने-पीने की बहुत सी दुकान हैं, जहां से मसूरी के लोकल फूड का भी आनंद लिया जा सकता है। वैसे तो यह कैंपटी वॉटरफॉल का कोई एंट्री चार्ज नहीं है; लेकिन यदि आप 400 सीढियां चढ़ना और उतरना नहीं चाहते हैं, तो यहां पर एक रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। जिसके लिए ₹50 का चार्ज देना पड़ता है।
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कंपनी गार्डन - यह गार्डन लगभग माल रोड से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आने के लिए महज 18 रुपए प्रति व्यक्ति का चार्ज देना पड़ता है। यह गार्डन अपनी बनावट सुंदरता वह अपने अंदर पौधों व पेड़ों की अलग-अलग प्रजातियों के लिए विख्यात है। यहां अनेक प्रकार के पेड़ व पौधे पाए जाते हैं, जिनका नाम उनके साथ के बोर्ड पर अंकित रहता है। इसके अलावा एक जलाशय भी इस कंपनी गार्डन के भीतर ही स्थित है, जिसके भीतर नौकायान किया जा सकता है।
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जॉर्ज एवरेस्ट पीक - यह पीक मसूरी के माल रोड से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जाने के लिए लगभग 5 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ता है। यहां लगभग कुछ ऊंचाई पर चढ़ने के बाद जॉर्ज एवरेस्ट का 1832 ईस्वी में निर्मित घर आज भी दिखाई पड़ता है। अक्सर पर्यटक यहां तक आने के बाद आगे नहीं जाते हैं, लेकिन इसके आगे भी कुछ किलोमीटर का रास्ता बाकी रहता है। जिसको पूरा करने के बाद पूरे शहर के पहाड़ों का बहुत सुंदर दृश्य दिखाई पड़ता है।
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हैप्पी वैली - यह स्थान मसूरी बस स्टैंड से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर भगवान बुद्ध से संबंधित मठ देखने को मिलते हैं। यह स्थान तिब्बत से आए हुए शरणार्थियों के लिए बेहद प्रसिद्ध है इसलिए इस स्थान को मिनी तिब्बत भी कहा जाता है।
- गन हिल - यह स्थान मसूरी में सबसे ऊंचाई पर स्थित पहाड़ी है जिसकी ऊंचाई 2024 मीटर है। इस स्थान से देहरादून व मसूरी की पहाड़ों को आसानी से देखा जा सकता है साथ ही हिमालय की चोटी पर लगे बर्फ भी यहां से बहुत साफ दिखाई पड़ते हैं। यह स्थान अपने रोपवे के लिए भी जाना जाता है। यहां रोपवे के द्वारा भी आया जा सकता है।
देहरादून या मसूरी किन-किन माध्यमों के द्वारा आ सकते हैं
रेलवे मार्ग - देहरादून रेलवे स्टेशन दिल्ली या अन्य राज्यों के द्वारा इस स्टेशन पर आसानी से आया जा सकता है यहां आने के लिए दिल्ली व अन्य राज्यों से सीधे ट्रेन सुविधा उपलब्ध है।
हवाई मार्ग - इसका सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो की देहरादून में स्थित है मसूरी या देहरादून आने के लिए इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जहां पर दिल्ली व कुछ अन्य एयरपोर्ट से सीधे कनेक्टिविटी देखने को मिलती है।
परिवहन बस - राज्य परिवहन की यह बसें उत्तराखंड के अनेक स्थानों के साथ-साथ दिल्ली के लिए भी कनेक्टिविटी प्रदान करती है जो की देहरादून आने के लिए एक बेहतर विकल्प है।
सड़क मार्ग - नेशनल हाईवे 72A के द्वारा दिल्ली से देहरादून को सड़क मार्ग के द्वारा जोड़ा गया है व नए बन रहे प्रोजेक्ट जो की आने वाले समय में दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी को 6 घंटे के सफ़र से 3 घंटे करने वाला है, का निर्माण जल्दी ही संपन्न होने वाला है। इसके बाद दिल्ली व अन्य राज्यों से देहरादून आसानी से आया जा सकेगा।

