दुनिया का सबसे मायावी स्थान जहां तांत्रिक भी जाने से डरते हैं (मायोंग)

Date: April 17th, 2025

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दुनिया का सबसे मायावी स्थान जहां तांत्रिक भी जाने से डरते हैं (मायोंग)

दुनिया का सबसे मायावी स्थान जहां तांत्रिक भी जाने से डरते हैं (मायोंग)

 इंसान को विस्मयकारी चीजें हमेशा से ही लुभाती और अपनी ओर आकर्षित करती रही है और जब बात तंत्रविद्या ओर या काला जादू से संबंधित हो तब अवश्य ही उसके बारे में जानने की इच्छा रखता है।


 भारत में ऐसी बहुत सी जगहें हैं जो मायावी व अत्यंत खतरनाक है जहाँ जाने से हमेशा मना किया जाता रहा है उन्हीं चुनिंदा स्थानों में मायोंग सर्वप्रथम है।

मायोंग असम के मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा एक छोटा गांव हैं। जहाँ आज भी हर घर में काला जादू का अभ्यास प्रतिदिन किया जाता है।

मायोंग गांव को ‘भारत का काला जादू राजधानी’ भी कहते हैं। यहाँ लगभग हर घर में काले जादू को जानने वाले तांत्रिक मिलते हैं जो की लोगो के अनुसार आदमी को जानवर में परिवर्तित तक कर सकते हैं।

 

महाभारत काल से इस जगह का जुड़ाव

बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है काला जादू का इस्तेमाल

भविष्य देखने के लिए टूटे कांच का इस्तेमाल

काला जादू सीखने के लिए शिक्षण केंद्र

मायोंग जाना खतरनाक साबित हो सकता है

 

महाभारत काल से इस जगह का जुड़ाव

 कहा जाता है कि महाभारत काल में घटोतकक्ष जो कि एक अत्यंत मायावी राक्षसी का पुत्र था उसने महाभारत युद्ध में जाने से पहले इसी मायोंग गांव में अपने मायावी गुणों का अभ्यास किया व यहाँ से बहुत सी अनेक काले जादू से संबंधित विद्याएं सीखी जिसकी वजह से मायोंग को घटोतकक्ष का गांव भी कहा जाता है।

 

बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है काला जादू का इस्तेमाल

 बहुत से लोगो ने इस बात की पुष्टि की है की यहाँ के तांत्रिक अत्यंत मायावी होने की साथ-साथ वे अपने मायावी तंत्र विद्याओं का इस्तेमाल लोगों को ठीक करने में करते है। जिसके लिए वे मन्त्रोच्चार व काली शक्तियो का सहारा भी लेते है।

 यहाँ के तांत्रिक लोगों को ठीक करने के लिए तांबे की प्लेट का भी इस्तेमाल करते है; लेकिन हैरानी की बात यह है की वे खुद इस तंत्र विद्या का इस्तेमाल खुद पर नहीं कर सकते इसके लिए इन्हें दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है।

 

भविष्य देखने के लिए टूटे कांच का इस्तेमाल

 यहाँ के लोगों के अनुसार मायोंग के तान्त्रिक पूर्व समय से ही अपनी तंत्र विद्याओं के द्वारा भविष्य देखने का कार्य भी करते थे। जिसमें वे टूटे हुए सीपों वह टूटे कांच का भी प्रयोग करते थे, आज ये सभी चीजें जो तंत्र विद्या में इस्तेमाल हुआ करती थी म्यूजियम में रखी हुई है।

 

काला जादू सीखने के लिए शिक्षण केंद्र

 मायोंग केवल एक रहस्यमयी जगह ही नहीं बल्कि एक प्रकार से उन लोगों के लिए विद्या का केंद्र भी रहा है जो तंत्र विद्या को जानना सीखना व समझना चाहते हैं।

 मायोंग में हर साल हजारों की संख्या में लोग भारत व अन्य स्थानों से केवल तंत्र विद्या का ज्ञान लेने के लिए आते हैं।

 

 मायोंग जाना खतरनाक साबित हो सकता है

 सामान्यतः लोगो का तंत्र विद्या से दूर रहना स्वाभाविक बात है, लेकिन कौतूहलवश लोग इसकी तरफ खींचें भी चले आते हैं लेकिन हल की बात की जाए तो मायोंग अब उतना खतरनाक नहीं रहा जिससे पर्यटकों को दूरी बनाई जानी चाहिए।

 पर्यटक यहाँ आसानी से आ सकते हैं वह गांव घूमकर अपनी जिज्ञासा को शांत भी कर सकते हैं। यहाँ गांव में ही एक म्यूज़ियम का निर्माण पर्यटकों के लिए ही कराया गया है जिससे पर्यटक पुराने समय में तंत्र विद्या में इस्तेमाल होने वाली चीजों को देख पाए।

 यहाँ आने के लिए यात्री गुवाहाटी तक ट्रेन माध्यम के द्वारा आकर बाकी दूरी को बस मोटरसाइकिल या कैब के माध्यम से पूरा कर गांव का भ्रमण कर सकते हैं।

 

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