मेघालय घूमना चाहते है कैसे करें यात्रा प्लान

मेघालय घूमना चाहते है कैसे करें यात्रा प्लान

Posted On : 2024-04-19

मेघालय घूमना चाहते है कैसे करें यात्रा प्लान

मेघालय जिसे ‘पूर्व का स्कॉटलैंड’ भी कहा जाता है। यह भारत के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित राज्य है। 2016 की मतगणना के अनुसार इसकी आबादी लगभग 32 लाख से अधिक है और यहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। मेघालय की सीमा भारत के असम राज्य से मिलती है, व अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश से लगती है। जिसकी वजह से यह बांग्लादेश के साथ व्यापार का केंद्र है। मेघालय पहले असम राज्य का ही हिस्सा था। लेकिन 21 जनवरी 1972 ईस्वी में खासी, गारो व जयंतिया पहाड़ी को अलग कर एक नए राज्य की स्थापना की गई। जिसकी राजधानी शिलांग को बनाया गया। यहां हिंदी भाषा को बोलने वाले प्राय कम लोग हैं; लेकिन हिंदी भाषा को समझने वाले अधिकांश लोग शिलांग में मिल जाते हैं। यहां की वंशावली भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले अलग है, जिसमें महिला (मां) को घर का प्रमुख मानते हैं व परिवार की छोटी बेटी को घर की पूरी संपत्ति मिलती है और वह पूरी जिंदगी माता-पिता की सेवा करती है।

 

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मेघालय में पर्यटन स्थल

1. शिलांग

शिलांग मेघालय की राजधानी होने के साथ-साथ पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र भी है। यहां बहुत से पार्क म्यूजियम, झरने व बहुत से व्यू प्वाइंट शिलांग की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं।

उमियम झील - यह झील गुवाहाटी से शिलांग के रास्ते में दिखाई पड़ता है। इस झील का निर्माण नदी में बांध बनाकर किया गया है, जहां शाम का नजारा देखते ही बनता है। इसके अलावा यह पर्यटकों में पिकनिक के लिए एक बेहतर स्थान है; जहां एडवेंचर गेम्स का भी आनंद लिया जा सकता है। यहां पर कयाकिंग, बोटिंग, स्नोकलिंग आदि एक्टिविटीज कराई जाती है।

एलीफेंट फॉल - यह प्राकृतिक झरना पत्थरों की तीन परतों से बना हुआ झरना है, जिसमें पानी बड़ी मात्रा में ऊपर से नीचे की ओर फैलते हुए आता है; जो पर्यटको को मंत्रमुग्ध कर देता है। ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रिटिशर्स ने इसका नाम एलीफेंट फॉल रखा। इसके आसपास का प्राकृतिक वातावरण इसे अन्य फॉल्स से अलग बनाता है।

लेडी हैदरी - पार्क यह पार्क शिलांग में ही स्थित है। जिसका नाम यहां की प्रथम महिला लेडी हैदरी के नाम पर रखा गया है। पार्क में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे व फूलों की बहुत सी प्रजातियां विद्यमान है। यहां एक छोटा चिड़ियाघर भी है; जो बच्चों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। यदि सफर के दौरान आपके साथ छोटे बच्चे हैं, तो आपको इस जगह का चुनाव अवश्य करना चाहिए।

शिलांग पीक - यह पीक लगभग शहर के मध्य में एक ऊंचाई पर बना पहाड़ी और हरा भरा पर्वतीय चट्टान है। जिसके ऊपर चढ़ाई कर शहर का पूरा व्यू मनोरम दृश्य दिखाई पड़ता है। यह लगभग समुद्र तल से 6500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से आप शहर के महत्वपूर्ण हिस्सों खूबसूरत पहाड़ियों, झरनों व प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं।

लैटलम घाटी - यह घाटी शहर की भीड़ से कुछ दूर पर स्थित है, जो की ट्रैकर्स की पहली पसंद है। यहां इस घाटी की ऊंचाई पर जाने के लिए ट्रैक करके जाना पड़ता है इसके बाद आपको दिल को छू लेने वाली वादियां दिखाई पड़ती है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों व सबसे शांत शिलांग का हिस्सा है।

डॉन बॉस्को - संग्रहालय इस संग्रहालय में मेघालय की संस्कृति व सभ्यता से जुड़ी वस्तुएं देखने को मिलती है; जोकि मेघालय और वहां रहने वाली जनजातियों को समझने का मौका देती है। यहां कलाकृतियां, पेंटिंग, आकृतियां, मूर्तियां आदि चीज उपलब्ध है और यह स्वदेशी लेखों का एशिया में सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है

 

2. डौकी

डौकी नदी - यह नदी भारत ही नहीं विश्व की सबसे साफ पानी की नदियों में शुमार है। यहां पानी हल्के हरे रंग में दिखता हुआ प्रतीत होता है और यहां का पानी इतना साफ है कि इस पानी में ऊपर से देखने पर नदी के अंदर हर एक चीज साफ और स्पष्ट दिखाई पड़ती है। डौकी नदी पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। यहां पर वोटिंग, स्नोकलिंग, क्लीफ जम्पिंग इत्यादि गतिविधियां कराई जाती हैं।

 यहां रुकने के लिए होटल के ऑप्शंस बहुत कम है अन्यथा आप यहां उपलब्ध कैंप में रात्रि विश्राम कर सकते हैं।

मॉयलननोंग विलेज - यह गांव एशिया के सबसे स्वच्छ गांव है। यहां की खूबसूरती वह साफ सफाई देखते ही बनती है जो की डौकी नदी के ही समीप का गांव है। इस गांव की साक्षरता दर 100% है। जिसकी वजह से यह गांव बहुत समय से एशिया के सबसे स्वच्छ गांव की उपाधि को धारण किए हुए हैं। अक्सर पर्यटक डौकी नदी घूमने के बाद इस विलेज को देखना पसंद करते हैं।

 

3. चेरापूंजी

 यह स्थान अपने कभी भी होने वाले बरसात के रूप में जाना जाता है, यहां भारत में सर्वाधिक बारिश रिकॉर्ड की जाती है। अत्यधिक बरसात होने की वजह से यह स्थान हरा-भरा रहता है। यहां बहुत से पर्यटन स्थल भी मौजूद है।

लिविंग रूट ब्रिज - यह लिविंग रूट ब्रिज पेड़ों की जड़ से बना एक पुल है जो की पर्यटकों में एक विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां जाने के लिए पर्यटकों को सर्वप्रथम ₹20 की टिकट खरीद कर इस ट्रैक को शुरू करना होता हैं, जो जंगलों से होते हुए लगभग 2 घंटे ट्रैकिंग का रास्ता है इसके बाद रास्ते में सबसे पहले सिंगल डेकर लिविंग रूट ब्रिज देखने को मिलता है। उसके थोड़ी देर और ट्रैक करने के बाद डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज तक पहुंच सकते हैं। यहां एक छोटी सी साफ पानी की नदी भी बहती है जिसमें पर्यटक स्नान भी कर सकते है। यदि आप इतना ट्रैक करने के बावजूद भी थके नहीं है, तो फिर आप इसके कुछ दूर आगे रेनबो वॉटरफॉल के लिए भी ट्रैक कर सकते हैं और शायद यह वॉटरफॉल देखकर आप अपनी थकान अवश्य भूल जाएंगे।

मॉस्मई गुफाएँ – ये गुफाएं चेरापूंजी से कुछ ही दूर पर स्थित है। वैसे तो मेघालय में 788 गुफाएं बताई जाती हैं, जिनमें यह गुफा सबसे लंबी प्राकृतिक गुफा है; जिसकी संरचना अपने आप में बहुत अद्भुत है। मॉस्मई गुफा जंगल के बीच स्थित है इसके ऊपरी हिस्से से भाले नुमा पत्थर लटके हुए दिखाई पड़ते हैं।

सेवन सिस्टर वॉटरफॉल - यह वॉटरफॉल चेरापूंजी से कुछ दूर पर स्थित है। इस वॉटरफॉल की ऊंचाई 315 मी की है; जो कि इसे भारत के सबसे ऊंचे वॉटरफॉल में शुमार करती है। बरसात के समय में यह सबसे सुंदर दिखाई पड़ता है और इस समय इस वॉटरफॉल में पानी भरपूर मात्रा में बहता हुआ बहुत सुंदर प्रतीत होता है।

 

मेघालय पहुंचने के लिए मार्ग

  • सड़क मार्ग - मेघालय गुवाहाटी (असम) से सड़क मार्ग के द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके अलावा अन्य राज्यों से भी यहां आया जा सकता है। NH-44, NH-40E और NH-217 प्रमुख नेशनल हाईवे है, जो मेघालय को देश के अन्य भाग से जोड़ते हैं।
  • रेल मार्ग - मेघालय आने के लिए सबसे बेहतर गुवाहाटी है जो असम का एक बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां आकर मेघालय सड़क मार्ग के द्वारा आया जा सकता है। गुवाहाटी से शिलांग आने के लिए यहां वन वे ट्रैफिक चलता है जिसकी वजह से लगभग 5 घंटे का समय लगता है।
  • वायु मार्ग - मेघालय पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहां पहुंचने के बाद सड़क मार्ग के द्वारा ही मेघालय पहुंचा जा सकता है।

 

निष्कर्ष

यदि आप प्रकृति प्रेमी है तो यह जगह आपके लिए स्वर्ग साबित हो सकती है। यहां घूमने के लिए जगह की कोई कमी नहीं है। यहां हर थोड़ी दूरी पर घूमने के लिए एक नई और विशेष चीज आपको मिल जाएगी। बेहतर रहेगा कि आप इसके आगे की जानकारी स्वयं यहां घूम कर इकट्ठी करें जो आपके लिए एक बेहतर प्रकृति को समझने का मौका रहेगा।

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